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गोविन्दं भज मूढमते।

  • Writer: Sai Sanskrit
    Sai Sanskrit
  • Mar 5, 2023
  • 1 min read
गोविन्दं भज मूढमते सम्प्राप्ते सन्निहिते काले नहि नहि रक्षति डुकृञ् करणे पुनरपि जननं पुनरपि मरणम् पुनरपि जननीजठरेशयनम् इह संसारे बहुदुस्तारे कृपया पारे पाहि मुरारे

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